सोरथ के बाबी शासकों के इतिहास का गवाह, दरबार हॉल संग्रहालय-जूनागढ़.

” दरबार हॉल संग्रहालय – जूनागढ़.”

जूनागढ़ के एक खूबसूरत पुराने महल में निर्मित, दरबार हॉल संग्रहालय गुजरात के बेहतरीन संग्रहालयों में से एक है क्योंकि यह जूनागढ़ शासकों के खजाने को संरक्षित करता है. दरबार हॉल जूनागढ़ के तत्कालीन नवाबों का दरबार था, बाद में जूनागढ़ महाराजाओं की संपत्ति को संरक्षित करने के लिए इसे एक संग्रहालय में तबदील कर दिया गया था.

दरबार हॉल संग्रहालय को जूनागढ़ म्यूज़ियम के नाम से भी जाना जाता है, ये जूनागढ़ के बेहतरीन पर्यटन स्थानो मे से एक है. और यहाँ जूनागढ़ के नवाबों की ऐतिहासिक और प्राचीन वस्तुओं को संरक्षित किया गया है.

इस संग्राहलय में प्रदर्शनों की 5 अलग-अलग श्रेणियां हैं. कुल मिलाकर लगभग 2900 प्रदर्शनियाँ हैं. इनमें सोरथ के बाबी शासकों, पुराने जूनागढ़ राज्य के पूर्व शासक के हथियार, तेल चित्र, लघु चित्र, ऐतिहासिक महत्व की कई तस्वीरें, शाही पालकी और कपड़ा, कालीन, शाही फर्नीचर शामिल हैं.

यह संग्रहालय शाही फर्नीचर, चांदी के सिंहासन, चांदी की कुर्सियाँ, सोने की कढ़ाई वाले कालीन, विभिन्न प्रकार के झूमर, दर्पण, चांदी की कला वस्तुओं आदि जैसे विशेष संग्रहों के लिए प्रसिद्ध माना जाता है.

इस संग्रहालय की सबसे महत्वपूर्ण गैलरी दरबार हॉल है. जो पुराने जूनागढ़ राज्य के पूर्व शासकों के शाही सभा कक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाला एक काल कक्ष. इसने तत्कालीन “दरबार” को उसकी मूल सेटिंग में प्रदर्शित किया है ताकि लोगों को स्वतंत्रता-पूर्व काल के शाही दरबार और सभा कक्ष का अंदाजा हो सके.

संग्रहालय अपने शाही हथियारों के संग्रह के लिए भी जाना जाता है और विशेष रूप से उनके प्रदर्शन के लिए बनाई गई गैलरी को “सिलेहखाना” के रूप में जाना जाता है, जिसमें विभिन्न श्रेणियों के खंजर, तलवारें, तथा चाकू, बेहतरीन हथियार, भाले, सोने से सजी ढाल, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर मौजूद हैं.

ऐतिहासिक तस्वीरों का संग्रह बहुत दुर्लभ और दिलचस्प है और सौराष्ट्र के पूर्व शासकों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को उजागर करता है. ढाल को सोने, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों से सजाया गया है. ऐतिहासिक तस्वीरों का संग्रह बहुत दुर्लभ और दिलचस्प है और सौराष्ट्र के पूर्व शासकों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को उजागर करता है. ढाल को सोने, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों से सजाया गया है. ऐतिहासिक तस्वीरों का संग्रह बहुत दुर्लभ और दिलचस्प है, जो सौराष्ट्र के पूर्व शासकों की पृष्ठभूमि को उजागर करता है.

प्रवेश शुल्क :

*** दस रुपये प्रति आगंतुक.

*** पचास रुपये प्रति विदेशी आगंतुक.

*** 100रुपये फोटोग्राफी के लिए.

*** 500 रूपये वीडियो कैमरे के लिए.

( संग्रहालय दूसरा और चौथा शनिवार और सभी बुधवार और सरकारी छुट्टियां के दिन बंद रहेगा.)

संग्राहलय का पता :

ताज मंजिल बिल्डिंग, दुर्वेश, नगर रोड, शशिकुंज, जूनागढ़, गुजरात 362001

समय: सुबह 10:00 से दोपहर 1:15 और दोपहर 2:45 से शाम 6:00 तक.

दरबार हॉल संग्रहालय कैसे पहुंचे :

जूनागढ़ के बस स्टेशन या रेलवे स्टेशन से आप ऑटो रिक्शा के ज़रिए आसानी से दरबार हॉल संग्रहालय पहॉंच सकते है.

आजकी शायरी :

ये ज़िन्दगी हसीं है, इस से प्यार करो,

अभी है रात तो, सुबह का इंतज़ार करो,

वो पल भी आएगा, जिसकी ख्वाहिश है आपको,

रब पर रखो भरोसा, वक़्त पर एतबार करो.

About पत्रकार : सदाशिव माछी -"शिव सर्जन"

View all posts by पत्रकार : सदाशिव माछी -"शिव सर्जन" →