अजय देवगन के नाम से आप सभी परिचित जरूर होंगे, मगर परदे के पीछे काम करने वाले वीरू देवगन को आप जानते हो? नहीं ना ! वास्तव में बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अजय देवगन के पिताजी हैं. उनका भी फिल्मों से गहरा नाता रहा है.
वीरू देवगन 14 साल की उम्र में बॉलीवुड का सपना लेकर अमृतसर से मुंबई आ गये थे. वीरू आए तो थे हीरो बनने लेकिन शुरुआती दिनों के स्ट्रगल के बाद उन्होंने अपना इरादा बदल दिया था. बढ़ई ( carpenter ) से लेकर एक्शन डायरेक्टर तक का शानदार सफर तय करने वाले वीरू देवगन ने अपने करियर कई फिल्मों में स्टंट और एक्शन कोरियोग्राफर के तौर पर काम किया. इसके बाद उन्होंने डायरेक्शन और बतौर फिल्म प्रोड्यूसर भी इंडस्ट्री में काम किया.
वीरू एक भारतीय स्टंट एवं एक्शन कोरियोग्राफर और फिल्म निर्देशक रहे हैं. वह अमृतसर में देवगन परिवार में पैदा हुए, उन्होंने वीना से शादी की, और उनके चार बच्चे हैं, जिनमें अभिनेता अजय देवगन और निर्देशक अनिल देवगन शामिल हैं.
विरुने मिस्टर नटवरलाल, एक खिलाड़ी बावन पत्ते, फूल और कांटे, जिगर, दिल क्या करे , जैसी 80 से अधिक विभिन्न हिंदी फिल्मों में एक्शन के दृश्योंको कोरियोग्राफ किया है. वीरू बॉलीवुड हिंदी फ़िल्मी दुनिया के जाने माने ऐक्शन कोरियोग्राफर माने जाते हैं.
उन्होंने कुछ फिल्मों का निर्देशन भी किया है जिनमें से फिल्म हिंदुस्तान की कसम (1999) काफी प्रसिध्द है. उनके द्वारा कोरियोग्राफ की गई कुछ बेहतरीन फिल्में हैं लाल बादशाह, जिगर, फूल और कांटे, दिलवाले, दस नंबरी, बाप नंबरी बेटा दस नंबरी, हिम्मतवाला और त्रिदेव आदि सामिल है. वीरू देवगन ने रोटी कपड़ा और मकान, क्रांति, मिस्टर नटवरलाल, प्रेम रोग, फूल और कांटे, जिगर और राम तेरी गंगा मैली जैसी करीब 200 से ज्यादा भारतीय फिल्मों में काम किया.
वीरू देवगन का ता : 27 मई 2019 की सुबह मुंबई में 84 साल की उम्र में निधन हो गया. वीरू देवगन कुछ समय से ठीक नहीं थे और उनकी हालत खराब हो गई थी. उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी जिसके बाद उन्हें तुरंत सांताक्रूज के सूर्या अस्पताल में भर्ती कर किया गया. हालाँकि, उनकी हालत गंभीर हो गई और हृदय रुकनेसे उनकी मौत हो गई.
एक्टर अजय देवगन ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उन्हें कई बार पब्लिक में मार पड़ी है. एक बार तो 20-25 लोगों ने मिलकर उन्हें पिटा था. इस घटना में उनके साथ तब बॉलीवुड फिल्म मेकर साजिद खान भी थे. हॉलिडे होटल के करीब एक पतली गली थी वहां पर गए तो जीप के सामने एक बच्चा पतंग के पीछे भागते हुए अचानक सामने आ गया.
अजय ने फुल स्पीड में ब्रेक लगाया. गलती अजय की बिल्कुल भी नहीं थी. बच्चे को लगी नहीं, लेकिन वह डर गया और रोने लगा. बच्चा जब रोने लगा तो आसपास से लोग वहां आ गए. पता नहीं कहां से करीब 1000 लोग वहां इकट्ठा हो गए और अजय को घेर लिया.
अजय देवगन ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वह लोग चिल्लाने लगे कि उतरो-उतरो तुम अमीर लोग गाड़ी तेज चलाते हो. और मारना शुरू कर दिया गया. दस मिनट में यह बात अजय के पिता तक पहुंच गई और वीरू जी वहां पर 150-200 फाइटर्स लेकर पहुंच गये. इसके बाद, जो हुआ वो सब फिल्म के किसी सीन जैसा था. उन्होंने चिल्लाकर कहा कि ख़बरदार मेरे बेटे को किसने भी हाथ लगाया तो. उनके चिल्लाने पर सब चुप हो गए. और अजय सुखरुप वहासे बाहर निकलने में सफल हुए.