एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे Google द्वारा मुख्य रूप से टचस्क्रीन डिवाइस, सेल फोन और टैबलेट के लिए उपयोग करने के लिए विकसित किया गया है.
मोबाइल यूजर के लिए एंड्राइड शब्द नया नहीं है. ये एक ऐसा डिवाइस है जो आपकी ज़िंदगी को आसान बनाता है. एंड्राइड (ANDROID) हमें GPS ट्रैफिक से बचाता है, आपकी घड़ी मैसेज भेजती है और आपका Assistant सवालों के जवाब दे पाता है. यह ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम है जो 250 करोड़ चालू डिवाइस में मौजूद है.
Android सिस्टम में आपको Multi language Support मिलता है. कई सारी ऐसी भाषा है आपको मिल जाती है जैसे हिंदी, मराठी इंग्लिश, उर्दू, पंजाबी, गुजरती, बंगाली, तेलुगु वगैरा. जो भाषा आपको इस में से आती हो आप उस भाषा को चुनकर अपने फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं.
गूगल के एंड्रॉयड सिस्टम को 15 साल हो चुके हैं और 23 सितंबर 2008 को दुनिया का पहला एंड्रॉयड ओएस पर काम करने वाला मोबाइल फोन HTC t-Mobile G1 आया था, जिसे HTC Dream के नाम से भी जाना जाता था. इस फोन को गूगल, HTC और टी-मोबाइल ने मिलकर बनाया था, जिसकी कीमत 179 डॉलर थी.
वास्तव में एंड्रॉइड की शुरुआत सन 2003 में डिजिटल कैमरों के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित करने के लिए अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनी एंड्रॉइड इंक की एक परियोजना के रूप में हुई थी. सन 2004 में यह प्रोजेक्ट स्मार्टफोन के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम बन गया था.
भारत में पहली बार एंड्रॉइड स्मार्टफोन 2009 में आया जो HTC Dream था. इस फोन में एंड्रॉइड का पहला वर्जन इंस्टाल किया गया था. वैसे ये फोन 2008 में US में लॉन्च हो चुका था लेकिन भारत में ये सन 2009 में पेश किया गया और जून से बिक्री के लिए उपलब्ध हुआ.
एक मोबाइल फोन में बनाने में 60 से अधिक पार्ट्स को जोड़ा जाता है. 5 इंच का ये फोन 60 अलग अलग पार्ट्स से मिलकर बनायां जाता है. मोटरोला कंपनी की अपनी टीम के साथ मार्टिन कूपर ने सन 1973 में पहला मोबाइल फ़ोन बनाया था और उसका वज़न दो किलोग्राम था. लेकिन भारत मे पहला मोबाइल फोन सन 1995 में आया था. जिसे भारत में मोदी ग्रुप व ऑस्ट्रेलिया की टेलीकॉम कंपनी टेलस्ट्रॉ ने जॉइंट वेंचर के रूप में मोदी टेलस्ट्रॉ द्वारा लॉन्च किया गया था.
मोबाइल फोन को हिंदी में ” सचल दूरभाष यंत्र ” कहा जाता है. सचल इसलिए कहा जाता है क्योकि इसे आप आसानी से कहीं भी ले जा सकते हैं. पहले की तरह ये डिवाइस एक जगह पर फिक्स नहीं है. दूरभाष यंत्र यानि टेलीफोन जिसके जरिए आप कई हजार किलोमीटर दूर बैठे व्यक्ति से भी बात कर सकते हैं.
मोबाइल संबंधित कुछ टीप्स :
एक व्यक्ति को एक दिन में लगभग 1 से 2 घंटे फ़ोन का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि ज्यादा मोबाइल चलाने से हमारे आखों और मानशिक में काफी तनाव पड़ता है. सोने से पहले करीब एक घंटा पहले कम से कम आपको अपना मोबाइल दूर रखना चाहिए अगर आप रात को सोते वक्त मोबाइल का प्रयोग करते हैं तो आपको अनिद्रा अवसाद जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
अगर ऐसा संभव नहीं है तो सोते समय कम से कम 3 फीट की दूरी पर आपका मोबाइल होना चाहिए. ऐसा करने से मोबाइल से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक की ताकत काफी कम हो जाती है और आप पर रेडिएशन का जोखिम भी नहीं रहता. अतः आप अपने तकिए के नीचे फोन रखकर तो बिलकुल न सोएं.
भारत में ता : 12 सितंबर 2023 तक 12 तक, मोबाइल यूजर्स की संख्या 1,125 मिलियन थी. इसमें से 75 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स हैं. यह संख्या भारत की कुल आबादी का 72.5% है.
याद रहे एंड्रॉइड किसी मोबाइल का नाम नहीं है और यह किसी ऐप का नाम नहीं है. यह एक OS सॉफ्टवेयर है. किसी भी मोबाइल को चलाने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता होती है. एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग करने के बाद हम किसी तरह मोबाइल पर काम कर पाते हैं.
Android OS Google का एक सॉफ्टवेयर है. बिल्कुल आईओएस फोन और विंडोज फोन की तरह. इसमें iOS और विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम हैं. इसी प्रकार एंड्रॉइड ओएस आधारित फोन को एंड्रॉइड फोन कहा जाता है. एंड्रॉइड मोबाइल को ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि उस फ़ोन में एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के अलावा कोई अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं होता है
दुनिया का सबसे महंगा फोन Falcon Supernova iPhone 6 Pink Diamond Edition है.जिसकी कीमत 48.5 मिलियन डॉलर ( करीब 402 करोड़ रुपये ) है.
Falcon Supernova ने iPhone 6 को कस्टमाइज किया है, जो एप्पल ने साल 2004 में लॉन्च किया था. कंपनी ने आईफोन को 24 कैरेट गोल्ट से डेकोरेट किया है. इसके साथ ही रियर पैनल में एक बड़ा पिंक कलर का डायमंड दिया है. इसके साथ ही फोन को प्लेटेनियम से कोट किया गया है.
इसके साथ ही यूजर्स की इंफॉर्मेंशन को सिक्योर करने के लिए हैक प्रिवेंशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. पिंक डायमंड फाल्कन सुपरनोवा का यह फोन मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी के पास है.
लग्जरी फोन की लिस्ट में दूसरे नंबर पर Stuarts Hughes का iPhone है, जिसकी कीमत 9.4 मिलियन डॉलर (करीब 76 करोड़ रुपये) है. यह पूरी तरह से हैंडमेंड है. iPhone 4s के मॉडल को 24 कैरेट गोल्ड से तैयार किया गया है.
इसके साथ ही इसमें 1000 कैरेट के 500 डायमंड लगे हैं. रियर पैनल और लोगो में 24 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल किया गया है. इस फोन के लोगो में ही 53 डायमंड लगे हुए हैं. इसके साथ ही फोन को Wow लुक देने के लिए 8.6-कैरेट सिंगल कट डायमंड दिया गया है. इसके साथ ही करोड़ों रुपये कीमत वाले इस फोन के साथ 7.6-कैरेट का सिंगल कट डायमंड मिलता है.
अन्य फोन :
*** Android beta : यह सन 2007 में लॉन्च किया गया पहला Android Version था.
*** Android 1.0: साल 2008 में लॉन्च किया गया. यह एंड्राइड वर्जन उस समय का काफी पॉपुलर ऑपरेटिंग सिस्टम था. इसके फीचर्स की बात करें तो यह यूजर्स को अपने मोबाइल फोन में एप्लीकेशन डाउनलोड करने की अनुमति देता है सिर्फ इतना ही नहीं यह मोबाइल में कैमरा, जीमेल, गूगल कैलेंडर, गूगल मैप, वेब ब्राउज़र इत्यादि को सपोर्ट करता है.
*** Android 1.1 साल (2009) : इस वर्जन को Petit Four के नाम से जाना जाता है. इसमें मैसेज के साथ अटैचमेंट को Save करने की सुविधा उपलब्ध हुई.
*** Android 1.5 Cupcake साल (2009) : इस वर्जन से मोबाइल में वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा उपलब्ध हुई और इसी के साथ इंटरनेट से कॉपी पेस्ट करने का फीचर भी उपलब्ध हुआ.
*** Android 1.6 Donut (2009) : इसमें Voice के माध्यम से सर्च करना और फास्ट एप्लीकेशन ओपन की सुविधा मिली.
*** Android 2.0 Éclair (2009) : इसमें कैमरे से फोटो खींचते वक्त फ्लैश, Zoom In/Out, कलर इफेक्ट इत्यादि की सुविधा ऐड की गई.
**** Android 2.2 Froyo (2010): इसमें WiFi Hotspot, Push Notification जैसे फीचर मौजूद थे.
*** Android 3.0 Honeycomb.
(2011) : इसमें Table Optimize था जो एक साथ कई काम करने में सक्षम होता है.
*** Android 4.0 Ice Cream Sandwich (2011) : इसमें नया फोल्डर बनाने, पॉवर और मोबाइल Volume के लिए शॉर्टकट बटन उपलब्ध था.
*** Android 4.1 Jelly Bean (2012) : इसकी मदद से एप्लीकेशन के लिए नोटिफिकेशन को हम अपनी इच्छा अनुसार बंद – चालू कर सकते हैं.
*** Android 4.4 Kitkat (2013) : गूगल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब गूगल किसी और ब्रांड Nestle के साथ मिलकर Nexus 5 Smartphone के साथ इसे लॉन्च किया था. इसमें मॉनिटरिंग, Sensor Optimize, Wireless Printing जैसे कई फीचर्स उपलब्ध है.
*** Android 5.0 Lollipop साल (2014) : बैटरी लाइफ में सुधार, Home Screen पर नोटिफिकेशन की सुविधा.
*** Android 6.0 Marshmallow (2015) : Fingerprint, Full Data Backup, एप्लीकेशन को Search Bar में Search की सुविधा.
*** Android 7.0 Nougat साल (2016) : App Shortcut, Night Light की सुविधा.
*** Android 8.0 Oreo (2017) : ज्यादा Safe और Secure, Smart Text सिलेक्शन.
*** Android 9.0 Pie (2018) : Auto Brightness, ऐप टाइमर.
*** Android 10 (2019) : Faster Sharing, Photo के लिए Depth फोकस.
*** Android 11 (2020) : यह उपयोगकर्ता को शक्तिशाली डिवाइस कण्ट्रोल प्रदान करता है. जिसमें बातचीत (Conversations), गोपनीयता सेटिंग्स (Privacy Settings) और बहुत कुछ प्रबंधित करने के आसान तरीके शामिल है.
इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी ” सैमसंग ” है. कंपनी का मार्किट शेयर 22% का है. इसके बाद ” एप्पल ” दूसरे नंबर पर है. टॉप 3 नंबर पर चाइना की ” Xiaomi.” टॉप 4 नंबर पर चाइना की ” Oppo” है. टॉप 5 नंबर पर चाइना की ” Vivo “कंपनी है.
तकनीक के बदलते दौर में जब पेजर ने दम तोड़ा तो मैसेज की रफ्तार whatsapp पर सवार हो गई और सिम्बियंस पर काम करने वाले मोबाइल फोन्स ने एंड्रॉयड और iOS तक अपनी पहुंच बना ली. जहां वैश्वीकरण ने आम आदमी को डूड बना दिया वहीं मोबाइल फोन भी अब एंड्रॉयड से दोस्ती कर स्मार्ट हो गए हैं. बाजार की भाषा में एंड्रॉयड को स्मार्टफोन कहा जाता है तो ऐसे में समझना जरूरी है कि आखिर ये एंड्रॉयड है क्या बला.
दुनिया के अधिकतर मोबाइल फोन्स में इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे प्रचलित operating system है. नोकिया, ब्लैकबेरी और एप्पल को अगर छोड़ दिया जाए तो सारे मोबाइल सेट्स इसी आपरेटिंग सिस्टम पर काम करते हैं और यह दुनिया में सबसे तेजी से प्रगति करने वाला आपरेटिंग सिस्टम है. तो तकनीकी भाषा में समझिए कि आखिर एंड्रॉयड अन्य operating system से कैसे अलग है.
एंड्रॉयड की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि आप इसमें संशोधन (Modification) कर सकते हैं. यानी आप अपनी जरूरत के हिसाब से कोई भी बदलाव कर सकते हैं. इसके अलावा किसी अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम में यह सुविधा नहीं होती है.
दरअसल एंड्रॉयड लाइनेक्स आधारित मोबाइल फोन और टेबलेट के लिए तैयार किया गया operating system है. इसे गूगल ने तैयार किया है. दुनियाभर में बिकने वाले अधिकतर मोबाइल फोन इसी सिस्टम पर काम करते हैं. इस ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रति दीवानगी का आलम यह है कि गूगल के मुताबिक यह ऑपरेटिंग सिस्टम दुनियां के लगभग 1 बिलियन से ज्यादा स्मार्ट फोन और टेबलेट में इस्तेमाल किया जा रहा है.
एंड्रॉयड ने ता : 30 अप्रैल 2009 को एंड्रॉयड ने अपना पहला कमर्शियल वर्जन 1.5 बाजार में उतारा था जिसका नाम कपकेक रखा गया था. इसके बाद एंड्रॉयड के कई वर्जन बाजार में उतारे गए जो अपने नामों के कारण चर्चा का केंद्र रहे. जिसकी चर्चा हम लोग गतांक में कर चुके है.
आप लोगों में से बहुत से लोग ये समझते होंगे की एंड्राइड ( Android ) का आविस्कार Google ने किया है. लेकिन सच बात तो ये है की Android का आविस्कार Android Inc के निर्माता “Andy Rubin” ने सन 2003 में किया था. इन्होंने इसे Digital Camera के Operating System के लिए बनाया था.
Andy Rubin के द्वारा बनाए गए Android ऑपरेटिंग सिस्टम को गूगल ने सन 2005 में 50 मिलियन डॉलर में खरीद लिया,और Android के निर्माता Andy Rubin को ही Android का हेड बना दिया. उसके बाद इसमे कुछ modification करके इसे स्मार्ट फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए बनाया गया. धीरे-धीरे Android ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग सभी स्मार्टफोनो में किया जाने लगा.
सन 2013 में Andy Rubin ने अपने नए प्रोजेक्ट के लिए इसे छोड़ दिया. इसके बाद Google ने Sundar Pichai को Android का हेड बना दिया. इसके पहले सुंदर पिचाई क्रोम OS के हेड थे. सुंदर पिचाई ने आते ही Android को और भी अच्छा बनाया. Sundar Pichai का जन्म हमारे भारत में ही हुआ था.