महाराष्ट्रके तीन बार मुख्यमंत्री रहे पवार

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भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्रिमंडल में रक्षामंत्री व कृषि मंत्री रह चुके शरद पवार महाराष्ट्र के प्रमुख नेताओं में से एक हैं. पवार भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर भी आसीन रहे हैं. वे महाराष्ट्र राज्य के 3 बार मुख्यमंत्री रहे हैं.

शरद पवार का जन्म तारीख : 12 दिसंबर 1940 के दिन पुणेके बारामती गांव में हुआ था. उनके पिता जी का नाम गोविंदराव पवार और माता का नाम शारदाबाई पवार है. शरद पवार गोविंदराव पवार और शारदाबाई पवार के ग्यारह बच्चे में से एक हैं. गोविंदराव के पूर्वज सातारा से बारामती में आये थे .

राजनीति से बाहर, पवार ने 2005 से 2008 तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद और 2010 से लेकर 2012 तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है. वे अक्टूबर 2013 से जनवरी 2017 तक मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे.

सन 2017 में भारत सरकार ने उन्हें भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया हैं.

राजनीतिक करियर पर एक नज़र :

*** शरद पवार ने 1960 में शुरू की राजनीति और छह दशकों तक महाराष्ट्र की राजनीति की बने धुरी रहे.

*** आपातकाल के बाद कांग्रेस में दो फाड़ हो गया और पवार “रेड्डी कांग्रेस” के साथ चले गए.

*** जुलाई 1978 में उन्हें 38 साल की उम्र में महाराष्ट्र के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला.

*** साल 1986 में कांग्रेस में वापसी और 1988 में महाराष्ट्र के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने.

*** साल 1993 में, पवार तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने.

*** पवार सन 1996 से ही केंद्र की राजनीति में अहम किरदार बन गए.

*** सन 1999 में पवार ने सोनिया के विदेशी मूल का मुद्दा उठाया और कांग्रेस से अलग होकर “राष्ट्रवादी कांग्रेस ” बनाई.

*** महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन का श्रेय मुख्य रूप से पवार को ही दिया जाता है.

*** पवार बीसीसीआई और आईसीसी की लंबे समय तक अध्यक्ष रहे.

*** कहा जाता है कि शरद पवार प्रधान मंत्री पद के क़रीब दो बार पहुंचे थे.

एक प्रोग्राम में पवार ने बताया कि 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें कैंसर का पता चला था. इलाज के लिए न्यूयॉर्क गए. वहां के डॉक्टरों ने भारत के ही कुछ एक्सपर्ट्स के पास जाने को कहा. एग्रीकल्चर मिनिस्टर रहने के दौरान 36 बार रेडिएशन का ट्रीटमेंट लेना था. यह बहुत दर्दनाक था.

सुबह 9 से 2 बजे तक शरद मिनिस्ट्री में काम करते. फिर 2.30 बजे अपोलो हॉस्पिटल में कीमोथेरेपी लेते. दर्द इतना होता था कि घर जाकर सोना ही पड़ता. इसी दौरान एक डॉक्टर ने उनसे कहा कि जरूरी काम पूरे कर लें. आप सिर्फ 6 महीने और जी सकेंगे.

पवार ने डॉक्टर से कहा कि मैं बीमारी की चिंता नहीं करता, आप भी मत करो. पवार ने लोगों को नसीहत दी कि कैंसर से बचना है तो तंबाकू का सेवन तुरंत बंद कर दें.

शरद पवार ने एक इंटरव्यू में बताया था कि शादी से पहले उन्होंने अपनी पत्नी प्रतिभा पवार के सामने एक ही संतान पैदा करने की शर्त रखी थी. और

कहा था, हमारी एक ही संतान होगी, चाहे वह लड़का हो या लड़की. इसके बाद 30 जून 1969 को पुणे में सुप्रिया का जन्म हुआ.

44 साल पहले यह निर्णय लेना काफी कठिन था, लेकिन उन्होंने यह करके दिखाया. इस तरह की खुली सोच के परिवार में जन्म लेने वाली सुप्रिया को बचपन से ही अपने फैसले खुद लेने की आजादी मिली. परिवार की ओर से कभी कोई दबाव नहीं बनाया गया, चाहे वह शिक्षा हो या शादी का मामल.

पवार का सियासी सफर :

*** शरद पवार का जन्‍म 12 दिसंबर, 1940 को हुआ था. पवार ने अपने सियासी सफ़र की शुरुआत कांग्रेस के साथ 1967 में की थी.

*** 1984 में बारामती से उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता.

*** उन्होंने 20 मई, 1999 को कांग्रेस से अलग होकर 25 मई, 1999 को एनसीपी की स्थापना की.

*** शरद पवार, तारिक अनवर और पीए संगमा ने मिल कर एनसीपी बनाई थी. ये तीनों पहले कांग्रेस में थे.

-*** उनके नाम महाराष्ट्र का सबसे यंग मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है.1993 में उन्‍होंने तीसरी बार सीएम के पद शपथ ली.

*** अपने राजनीतिक करियर में वे यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.

***: इसके अलावा वे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(BCCI) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. पवार 2005 से 2008 तक बीसीसीआई के चेयरमैन रहे और 2010 में आईसीसी के प्रेसिडेंट बने.

*** पवार नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रेसिडेंट हैं. अपनी राजनीतिक विरासत बेटी सुप्रिया सुले को सौंप चुके हैं.

*** सुप्रिया एनसीपी की टॉप लीडर्स में से एक होने के साथ ही पिछले 2 बार से 2009 और 2014 में अपनी पिता की सीट बारामती से एमपी हैं.

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