190 साल पुराना दुनिया का सबसे आलीशान होटल ” रामबाग पैलेस.”

rambagh palace jaipurq2

रामबाग पैलेस दुनिया के सबसे लग्जरी और आलीशान होटल में से एक है. जो अपने आप की 190 साल पुरानी विरासत और राजसी ठाठ माठ के लिए जाना जाता है. दुनिया के सबसे लग्जरी और आलीशान होटल में से एक है. उस होटल में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (JD VANCE) अपने परिवार के साथ ठहरने आ चुके हैं.

79 कमरे वाले इस महल में एक रात का किराया लाखों में है. इसका किराया अलग-अलग है. इस होटल में एक रात रुकने का किराया करीब 30 हजार से शुरू है और ढाई लाख से 10 लाख रुपए है. अगर सुविधा की बात करें तो इस होटल में रॉयल डाइनिंग रूम के साथ एक मास्टर बेडरूम, ड्रेसिंग एरिया, स्विमिंग पूल फिटनेस हब है.

महाराज सवाई मानसिंह द्वितीय ने महारानी गायत्री देवी के प्यार में रामबाग पैलेस बनवाया था. गायत्री देवी का जन्म ता : 23 मई 1919 को लंदन में हुआ था. 12 साल की उम्र में एक रेस के दौरान उनकी मुलाकात महाराज सवाई मानसिंह से हुई थी. पहली ही मुलाकात में वो अपना दिल दे बैठी थी.

महाराजा पहले से दो शादियां कर चुके थे. राजकुमार परिवार इसके खिलाफ था, लेकिन वो नहीं मानी. आखिरकार 1940 में दोनों की शादी हुई. इस शादी में 3.5 लाख रुपये खर्च हुए थे.

रानी गायत्री देवी अब जयपुर की महारानी बन चुकी, उन्हें राज परिवार का पर्दा प्रथा पसंद नहीं आय़ा. उन्होंने अपने पति से बात की और साफ कर दिया कि वो पर्दे में नहीं रहेंगी. कई बार वो शाही परिवार के कार्यक्रम में सिर्फ इसलिए शामिल नहीं हुई कि , उन्हें अपना सिर ढकना पड़ता. उन्होंने कुछ ही सालों में साफ कर दिया कि वो जैसे रहना चाहती है, वैसे ही रहेंगी.

महारानी गायत्री देवी ने तमाम रुढिवादी विचारों और पुरानी परंपराओं को तोड़ दिया. वो पोलो खेलती थी, घुड़सवारी करती थी, खुद कार चलाती थी. वो विदेश महंगी कारों में खुद ड्राइविंग करती नजर आतीं.

महारानी गायत्री देवी ने पुरानी परंपराओं तोड़ा उन्होंने खुद के लिए पहली मर्सीडिज बेंच डब्ल्यू 126 भारत में मंगवाई. वो पोलो खेलती थीं पैंट पहनना उन्हें पसंद था. वह स्मोकिंग भी करती नजर आ जाती थीं. महारानी ने पुरानी परंपराओं को कोई बार तोड़ा था.

महाराज ने 1835 में रामबाग पैलेस को बनवाया था, महाराजा सवाई मान सिंह-द्वितीय और महारानी गायत्री देवी इस पैलेस को अपने निवास की तरह इस्तेमाल करते थे. महारानी की पूरी जिंदगी इसी महल में बीती थी.

बताया जाता है कि महारानी की खूबसूरती इंदिरा गांधी जलती थीं.

आजादी के बाद इंदिरा गांधी की सरकार ने जयपुर राज परिवार पर आयकर विभाग की रेड डलवाई थी. कहा जाता है कि जयपुर की राजमाता महारानी गायत्री देवी. को इंदिरा गांधी नापसंद करती थीं. दोनों बचपन में एक ही स्कूल में पढ़ती थी. गायत्री देवी इतनी खूबसूरती और लोकप्रिय थी कि इंदिरा गांधी उसने जलती थी. बाद में ये जलन राजनीति में भी दिखी. आपत काल के दौरान गायत्री देवी को जेल तक जाना पड़ा.

उनके पास 800 किलो सोना और 15000 करोड़ की दौलत थी. इंदिरा गांधी के कहने पर घरों और महलों पर छापेमारी की गई. मोती डूंगरी में खुदाई के दौरान गायत्री देवी के जहां से 800 किलो सोना बरामद हुआ था, जिसे सरकार ने जब्त कर लिया था. गायत्री देवी की संपत्ति को आयकर विभाग ने गोल्ड कंट्रोल एक्ट 1968 के तहत जब्त किया था.

गायत्री देवी के निधन के बाद उनकी 15000 करोड़ की संपत्ति को लेकर उनके पोते-पोतियों में विवाद हो गया. चूंकि महाराजा सवाई मानसिंह की तीन पत्नियां थी, इसलिए संपत्ति पर विवाद हो गया. इस संपत्ति में जयपुर के रामबाग पैलेस और जय महल भी शामिल थे. हालांकि बाद में यह विवाद कोर्ट के बाहर परिवार के बीच ही सुलझा लिया गया.

इसकी खास डिजाइन के लिए महाराजा ने उस वक्त के वर्ल्ड फेमस डिजाइनर सेमुअल स्विंटन जैकब को चुना. महल की नक्काशी, इसकी खूबसूरती को और निखार देती है. इस होटल को टाटा ने लीज पर ले लिया अब ताज इसकी देखरेख और होटल का संचालन करता है.

इस लग्जरी होटल में 79 कमरे और सुइट हैं, जिसमें मुगल कालीन नक्काशी की खूबसूरती दिखती है. अपने हिस्टोरिकल सुइट, रॉयल सुइट और ग्रांड रॉयल सुइट की वजह से रामबाग पैलेस को दुनिया के सबसे खूबसूरत होटलों में जगह मिली है.

रामबाग पैलेस , जयपुर, राजस्थान, जयपुर के महाराजाका पूर्व निवास जो भवानी सिंह रोड पर जयपुर शहर की दीवारों से 5 मील (8.0 किमी) की दूरी पर स्थित है.

इस स्थान पर पहली इमारत एक गार्डन हाउस थी जिसे 1835 में प्रिंस राम सिंह द्वितीय ने बनाया था. 1887 में, महाराजा ठाकुर सवाई माधो सिंह के शासनकाल के दौरान, इसे एक मामूली रॉयल हंट लॉज में बदल दिया गया था, क्योंकि यह उस समय घने जंगल के बीच में स्थित था. 20वीं सदी की शुरुआत में, यह सरसैमुअल स्विंटन जैकबके डिजाइन के अनुसार एक महल में स्थापित किया गया था. महाराजासवाई मान सिंह द्वितीय नेरामबाग को अपना मुख्य निवास बनाया और सन 1931 में कई शाही सूट जोड़े.

अब इसे ताज होटल्स द्वारा पांच सितारा होटल के रूप में संचालित किया जाता है.

आम जनता के लिए खुलता पैलेस :

​रामबाग पैलेस, जयपुर हर दिन सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है. ये पैलेस अब एक लग्जरी होटल है, इसलिए यहां के सभी हिस्सों में आम लोग नहीं जा सकते.

पर्यटक टिकट लेकर पैलेस के कुछ हिस्सों जैसे बाग-बगिचों और मुख्य हॉल को देख सकते हैं. एंट्री फीस भारतीय नागरिकों के लिए 700 रुपए प्रति व्यक्ति है, और विदेशी पर्यटकों के लिए 1,500 रुपए प्रति व्यक्ति. 5 साल से छोटे बच्चों के लिए कोई टिकट नहीं है. छात्रों और सीनियर सिटिजंस के लिए भी यहां छूट मिलती है.

About पत्रकार : सदाशिव माछी -"शिव सर्जन"

View all posts by पत्रकार : सदाशिव माछी -"शिव सर्जन" →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *