मुजे बरोबर याद है , सन 1975 का वो साल था जब मै बांद्रा पश्चिम सहकार भवन मे कपडोंकी शॉपिंग करने गया था. उस समय मैंने जिंदगी मे पहली बार सार्वजनिक रूपमें रखा टेलीविज़न देखा था. एक टेलीविज़न ऑपरेटर प्रोग्राम देख रहे दर्शकों को समजा रहा था. की आप लोग कमसे कम 12 या 14 फीट की दुरी रखकर टी वी देखो वर्ना आपकी आंखे ख़राब हो सकती है. उस समय भाईंदर मे दो तीन घर के अलावा किसीके घर टेलेविज़न बॉक्स नहीं होगा.
वैसे देखा जाय तो दूरदर्शन चैनल की स्थापना परिक्षण के तौर पर दिल्ली मे ता : 15 सितंबर 1959 के दिन हो चुकी थी. शुरुआती दौर मे इसका प्रसारण आधा घंटा होता था.
सन 1965 मे उसका रोजाना प्रारंभ हो चुका था. सन 1975 मे इसका हिंदी नामकरण ” दूरदर्शन ” रखा गया. तब इसका प्रसारण 7 शहरों तक ही सिमित था. दूरदर्शन का एक मतलब होता है दूर का दर्शन.
सन 1986 आते आते कई लोगोने टेलेविज़न सेट बसा लिये थे. सन 1986 मे श्री रामायण सागर जी की रामायण सीरियल आयी , फिर महाभारत. प्रसारण के समय सभी रास्ते सुनसान हो जाते थे. सन 1982 मे ” रंगीन ” टेलेविज़न का आगमन हो चुका था. तब भारत में 1982 में आयोजित एशियाड खेलों का लाइव प्रसारण पहली बार टेलीविजन या दूरदर्शन चैनल पर दिखाया गया था.
बादमे रुझानों मे वृद्धी हुई. टेलीविज़न के माध्यम से खेले जाने वाला सुपर मारियो गेम बच्चों मे खूब फेमस हुआ. इस गेम से बच्चे पागल हो जाते थे. सन 2015 तक इस गेम की 31 करोड़ से अधिक प्रतियाँ बिक चुकी थी. जो दुनिया के इतिहास मे सबसे अधिक बिकने वाला विडियो गेम बताया जाता है.
ता : 3 नवंबर 2003 मे टेलीविजन पर दूरदर्शन का लगातार 24 घंटे चलने वाला समाचार चैनल शुरू हुआ.तब
यूनेस्को ने भारत को दूरदर्शन शुरू करने के लिए 20,000 डॉलर और 180 फिलिप्स टीवी सेट दिए थे.
दूरदर्शन का पहला नाम ” टेलीविज़न इंडिया ” दिया गया था मगर बादमे सन 1975 मे इसका नामकरण ” दूरदर्शन ” रुप मे किया गया. आज 2 राष्ट्रीय और 11 क्षेत्रीय चेनलो के साथ दूरदर्शन के कुल 21 चैनल प्रसारित होते हैं. 14 हजार जमीनी ट्रांसमीटर और 46 स्टूडियो के साथ यह हमारे देश का सबसे बड़ा प्रसारणकर्ता है.
हम लोग, बुनियाद, नुक्कड़, ये जो है जिंदगी, रामायण, महाभारत शाहरुख़ खान की फ़ौजी सीरियल जैसे कार्यक्रमों ने दूरदर्शन की लोकप्रियता को बुलंदियों पर पहुंचाया था. शुरू मे बड़े परदे के हीरो हीरोइन टीवी के छोटे परदे पर आना पसंद नहीं करते थे. आज सुपर स्टार हो या मेगा स्टार हो सब टीवी मे आना पसंद करते है.
टेलीविजन का आविष्कार स्कॉटिश इंजीनियर जॉन लोगी बेयर्ड ने सन 1925 में लंदन में किया था. इसके बाद दुनिया के पहले वर्किग टेलीविजन का निर्माण सन 1927 में फिलो फार्न्सवर्थ ने किया था, जिसे ता : 1 सितंबर, 1928 को प्रेस के सामने पेश किया गया था.
” कौन बनेगा करोड़पति ” ” कपिल शर्मा का कॉमेडी शो “, ” ” तारक महेता का उल्टा चश्मा ‘. जैसे कार्यक्रमों ने टेलीविज़न को पूरे देश मे प्रसिद्धि दिलाई है.
आज कलर्स, सब टी वी. सहारा वन. सोनी टी वी. स्टार उत्सव. स्टार प्लस, जी टीवी , दंगल टीवी , जैसी मनोरंजन चैनल दिखाई जा रही है तो आजतक , एनडीटीवी , सहारा समय , इंडिया टीवी, न्यूज़ 24, एबीपी न्यूज़ , जी न्यूज़ , लाइव इंडिया , आईबीएन – 7 टीवी , डी डी न्यूज़ , जैसी अनेक विध समाचार चैनल तथा खेल समाचार , किड्स , नॉलेज , लाइफ स्टाइल म्यूज़िक एंड ऑडिओ , शॉपिंग , स्पिरिचुअल, रीजनल , फेवरेट चैनल जैसी सेकड़ो चैनल आप लोगों की खिदमद मे हाजिर है.
आज आप हाथ मे स्मार्ट मोबाइल से खेल रहे है यह टेलेविज़न का ही नया छोटा विकसित रुप है. शुरुआती दौर मे टीवी के अंदर बल्ब की तरह कांच के वोल्ट रहते थे. बादमे ट्रांजिस्टर का जमाना आया. जो पुर्जा आधा सेंटीमीटर से छोटा होता है. धीरे धीरे एलसीडी टीवी का जमाना आया. जगह कम रोकने की वजह यह लोगोंमे ज्यादा मशहूर हो रहा है. टेलीविज़न का छोटा रुप स्मार्ट मोबाइल ने तो टीवी को साइड मे कर दिया.
रेडियो , टेलीविज़न , कंप्यूटर , और विडियो कॉल ने तो दूर दूर बसे रिश्तेदारों को रुबरु मिलनेका अहसास करा दिया. आज लोग टेलीविज़न से ज्यादा मोबाइल मे अपना समय व्यतीत करते है. मोबाइल सबका अभिन्न अंग और जिगरी दोस्त बन गया है.
ता : 21 नवंबर को विश्व टेलेविज़न दिवस मनाया जाता है. अब भविष्य मे वो दिन दूर नहीं जब टेलेविज़न मे भी 3G और 4G की शुरुआत होंगी. 3D फ़िल्म दिखाई जायेगी. टॉकीज के बड़े परदे पर सन 1985 मे छोटा चेतन 3D फ़िल्म आयी थी जिसको सभीने पसंद किया था. बाजार मे 3D स्क्रीन के नितनये मॉडल , टीवी मे आएंगे. आगे चलकर मोबाइल टेक्नोलॉजी की तरह ही टेलेविज़न मे भी दाता सेव कर सकेंगे. इसकी शुरुआत प्रारंभिक तौर पर हो चुकी है. और आगे Wi – Fi जैसी सेवाएं टीवी चैनल द्वारा देना शुरू कर दी जाएंगी.
——–===शिवसर्जन ===——-