हम लोग कई बार सुनते है की हताशा ( frustration ) की वजह किसीने जान दे दी. हताश होने का मतलब निराश होना , निराशावादी होना, निरुत्साहित होना, शक्तिहीनता का अहसास करना वगेरा वगेरा होता है. ये एक मानसिक विकार है. जिसमे रोगी को अपना जीवन खाली – खाली , नीरस और दुःखोंसे भरा लगता है. इसका कारण हर व्यक्ति का अलग हो सकता है . जरुरत से ज्यादा चिंता करनेसे यह समस्या पैदा हो सकती है. हताशा (फ्रस्टेशन) एक भावनात्मक प्रतिक्रिया है जो व्यक्ति की इच्छाओं के अपूर्ण होने के कारण पैदा होती है.
मनोविज्ञानिक का मानना है की हताशा एक प्रमुख भावनात्मक प्रतिक्रिया है जो व्यक्ति की इच्छाओं के अपूर्ण होने के कारण निर्माण होती है. वो मन ही मन घुटते रहता है. खाने पिने मे दुर्लक्षता करता है. कोई कोई तो नाख़ून चबाना और स्वयं के बाल खींचने जैसी हरकत करते है. वो शराब या ड्रग्स का व्यसनी बनकर पिंडुक या चरसी बन जाता है.
स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाना , छोटी छोटी बात पर नाराज होना जैसी हरकते करता है. हताशा अंदरूनी तनाव , वियोग, भेदभाव, गरीबी , अकेलेपन जैसे कारणों की वजह यह विकार पनपता है. इससे व्यक्ति की रोग प्रतिकार शक्ति कम हो जाती है और विविध रोगों का शिकार हो जाता है.
जैसे दमा , तनाव से होनेवाला सिरदर्द , हाइपरटेंशन, यौन दुर्बलता , स्मृति का लोप होना मतलब उसकी याद दास्त कमजोर होना. आंत में गड़बड़ी होना , हृदय रोग होना तथा कैंसर होना, बी पी. , शुगर जैसी अनेकों बीमारी का व्यक्ति शिकार ही जाता है.
यदि किसीको नींद मे व्यवधान होता हो, भूख कम लगती हो, भावनात्मक आवेग मे बदलाव हुआ हो , वारंवार क्रोध या चिड़चिड़ापन आता हो , याद दास्त कम हो गयी हो , प्रदर्शन मे कमी आती हो. घबराहट होती हो , बेवजह भय सताता हो तो चिकित्सक की तुरंत मुलाक़ात लेनी चाहिए.
तनाव युक्त व्यक्ति को घबराहट आम बात है. हृदय की धड़कन बढ़ जाती है. बार बार पेशाब आता है. कई लोगोंके बाल झड़ जाते है. तनाव को समय पर दूर ना किया गया तो मनोशारीरिक बीमारी , मानसिक कष्ट हो सकता है.
हताशा से निपटने के लिये जानकारों का मानना है की सुगंधित तेल से बॉडी मसाज करना चाहिए. मगर सुगंधित तेल को सीधे इस्तेमाल न करके उसे करीब 50 ml. जैतून के तेल (Olive Oil) में मिलाकर इस्तेमाल करना ठीक होता है.
हल्के गर्म पानी से स्नान करना चाहिए इससे शरीर के साथ दिमाग का भी तनाव दूर होता है. हर्बल सामग्रियों से सिर की मालिश से भी तनाव दूर होता है. सिर और बालों पर उंगलियों से हल्के मसाज कर ब्राह्मी या भृंगराज के तेल का इस्तेमाल करें. ये तनाव दूर करने में सहायक साबित होते है
हताशा वाले व्यक्ति को एक कप में दूध का पावडर, थोड़ा नमक, गुलाब की पंखुड़ियां, गुलाब का तेल, दो चम्मच बादाम का तेल मिलाकर नहाते वक्त टब में या बाल्टी में डाल के स्नान किया जाय तो तनाव दूर करने में फायदा होता है.
कई लोग तनाव दूर करने के लिए सुगंध का सहारा लेते है. स्नान करते वक्त गुलाब, नींबू, चमेली आदि की खुशबू वाला तेल, पानी मे डालने वाले लिक्विड तेल का उपयोग करनेसे फायदा होता है.
कई लोग तनाव भगाने के लिए रंगीन कैंडल को जलाकर सजावटी पॉट में पानी भरकर उसमें गुलाब, संतरा, चंपा, चमेली आदि के इत्र या जल डाल कर रखते है, जिससे फायदा होता है.
आज महानगरों की भीड़ भाड़ वाली जिंदगी मे तनाव (stress) लोगों के लिए बहुत आम बात बन गई है. पुरा दिन व्यस्त, कामका बोज, मार्किट की कम्पटीशन मे टिके रहना. टारगेट हासिल ना कर पाना, प्रतिष्ठान मे नुकशान होना जैसी अनेक घटना लोगोंको हताशा की तरफ खींची जा रही है. ऐसे मे हताशा का अनेक लोग शिकार बन रहे है.
—–===शिवसर्जन प्रस्तुति ===—–