इंडियन पुलिस सर्विस आई.पी.एस. ( INDIAN POLICE SERVICE = I. P. S.) का यह पद भारत की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था में एक उच्च सम्मानित पद है. भारतीय पुलिस सेवा लोकतंत्र का बुनियादी आधार है.
I.P.S. अधिकारी देश में कानून और व्यवस्था स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. I.P.S. अधिकारी का पद अपने आप में एक उपलब्धि है. I.P.S. सेवा कानून और व्यवस्था कायम रखने के लिए अनिवार्य सेवा है और IPS की नौकरी में समाज सेवा करने के कई मौके भी मिलते है.
एक पुलिस अधिकारी की ज़िम्मेदारीयो की कोई सीमा नहीं होती जैसे की यातायात से लेकर नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा करना तथा असामाजिक तत्वों से जनता की रक्षा करना उनकी प्रमुख जिम्मेदारी होती है.
हर आदमी आईपीएस अफसर बनना चाहता है. मगर उनको कठिन परीक्षाओं से गुजरना पडता है. इसमे उनको शारीरिक परिक्षण , ट्रेनिंग सहित और कई सारी जाँचो का समावेश होता है. ततपश्चात उनकी पोस्टिंग होता है. तब आप आईपीएस ( I.P.S.) अफसर कहलाते है. उसमे भी बहुत कम उम्मीदवारों को सफलता हासिल होती है.
आईपीएस अफसर बनने के लिए आपकी उम्र 21 से 30 साल के बीच में होनी चाहिए लेकिन SCHEDULED CAST ( SC.) ओर SCHEDULED TRIBES ( ST ) उमीदवार के लिये 5 साल की छूट दी जाती है. इसके लिये आपको स्नातक की डिग्री जरुरी है.
शारीरिक योग्यता की हम बात करें तो पुरुष के लिए कम से कम 165 सेंटीमीटर ऊंचाई लम्बाई जरुरी है अगर आप एस.सी. (SC) या फिर ओ.बी.सी. (OBC) केटेगरी मे आवेदन करते है तो इसके लिए आपको कम से कम ऊंचाई 160 सेंटीमीटर होना जरुरी है. इसके अलावा 84 सेंटीमीटर चेस्ट (Chest) यानि सीना होना चाहिए.
महिला के लिए जनरल उम्मीदवारी के लिये ऊंचाई कम से कम 150 सेंटीमीटर होना जरुरी होता है. और एस.सी. (SC) / ओ.बी.सी. (OBC) केटेगरी की महिलाओ के लिए ऊंचाई 145 सेंटीमीटर जरुरी होता है. इसके साथ ही महिला ओकी चेस्ट 79 सेंटीमीटर होना जरुरी होता है. तथा ठीक आखो के लिए विज़न नार्मल होना जरुरी होता है.
आई.पी.एस. ( IPS ) अफसर बनने के लिये प्रथम किसी भी स्ट्रीम (Stream) से साइंस (Science) , कॉमर्स (Commerce) या फिर आर्ट्स (Arts) सब्जेक्ट को लेकर बारवी पास करनी होती है.
12 वी के बाद आपको ग्रेजुएट होना जरुर है तभी आप आईपीएस परीक्षा में बैठ सकते है. आपको ग्रेजुएशन पुरा करने के बाद union public service commition यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा देनी होती है. यह परीक्षा यूपीएससी लेता है और माना जाता है की यह परीक्षा बड़ी कठिन होती है.
यूपीएससी ( UPSC ) परीक्षा के बाद आपको तीन दूसरी परीक्षा देनी होती है. सबसे पहली होती है, प्रारंभिक परीक्षा प्रेलिमिनरी एग्जाम (The preliminary exam) , दूसरी मुख्य परीक्षा, द मेन एग्जाम (The Main exam) और लास्ट में होता है, साक्षात्कार , इंटरव्यू (Interview) ये सब क्लियर करने के बाद आपको ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है और आप एक आईपीएस अफसर (IPS Officer) बन कर बहार आते है.
IPS सेवा अपने आप में केवल एक पद है जो कि राज्य पुलिस और सभी भारतीय केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मचारियों को बल प्रदान करता है. हर जिले में एक I.P.S. अधिकारी ही अधिकारियों के पुलिस अधीक्षक (SP) और पुलिस उप अधीक्षक (DSP) का प्रमुख होता है.
IPS अधिकारी की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारिओमे अपराधों की जाँच करना , अपराधों को रोकना, दुर्घटनाओं को रोकना, आपदा का संचालन करना , राजनीतिक तथा धार्मिक कार्यों के लिए अनुमति प्रदान करना होता है.
एक I.P.S अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, इंटेलिजेंस ब्यूरो, बीएसएफ, सीबीआई, इंडो-तिब्बती सीमा पुलिस और सीआरपीएफ जैसे केंद्रीय पुलिस संगठनों को निर्देश देता है. उदाहरण के लिए, हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री. अजीत डोवाल भी एक IPS अधिकारी थे और अब वह रक्षा मामलो में प्रधानमंत्री के सलाहकार हैं.
I.P.S. अधिकारियों सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो), सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल), एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा रक्षक), आईबी (खुफिया ब्यूरो), बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) और भारत-तिब्बती सीमा पुलिस से कमांडर की भूमिका निभाते हैं.
IPS अधिकारीयो को खास करके वी.आई.पी. (VIP) की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी दी लती है और विशेष रूप से IPS मुख्य मंत्रियों और प्रधानमंत्री के संरक्षण के लिए ज़िम्मेदार होते हैं. आधुनिक भारतीय पुलिस सेवा भारत के संविधान के भाग XIV में अनुच्छेद 312 (2) के तहत बनाई गई है. आज तक कई I.P.S. अधिकारियों को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार (अशोक चक्र, कीर्ति चक्र) से सम्मानित किया गया है.
कुछ I.P.S. विशेष :
*** सन 1972 में किरण बेदी फर्स्ट लेडी इंडियन पुलिस सर्विस ऑफिसर बनीं और 80 IPS अधिकारियों के बैच में अकेली महिला थीं.
*** सन 1975 में जीजा माधवन हरिसिंह दक्षिण-भारत (कर्नाटक कैडर) से पहली महिला भारतीय पुलिस सेवा मे (I.P.S.) अधिकारी बनी और 2011 में पुलिस महानिदेशक के रूप में सेवानिवृत्त से पहले वे 36 वर्षों तक सेवा में रहे.
*** सन 1992 में 1982 बैच की आईपीएस अधिकारी आशा सिन्हा भारत की अर्धसैनिक बलों में पहली महिला कमांडेंट बनीं, जब उन्हें मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में कमांडेंट, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के रूप में नियुक्त किया गया था और वह निदेशक के रूप में 2016 में सेवानिवृत्त होने से पहले 34 साल तक सेवा में रहीं थी.
*** कंचन चौधरी भट्टाचार्य सन 1973 बैच की भारत की दूसरी महिला IPS अधिकारी भारत की पहली महिला पुलिस महानिदेशक बनीं थी.
*** सन 2018 में, 1980 के बैच की एक आई.पी.एस. अधिकारी अर्चना रामासुंदरम जी , केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल के रूप में पहली भारतीय महिला बनीं थी.
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