जाकी जैसी भावना…..
” जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी “अर्थात जिसकी जैसी दृष्टि होती है,उसे वैसी ही मूरत नज़र आती है. गो स्वामी तुलसीदास जी महाराज रचित इस चौपाई …
जाकी जैसी भावना….. Read Moreमेरे अनुभव की दुनिया
” जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी “अर्थात जिसकी जैसी दृष्टि होती है,उसे वैसी ही मूरत नज़र आती है. गो स्वामी तुलसीदास जी महाराज रचित इस चौपाई …
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