जर, जमीन, जोरु तीनो कजिया के छोरु|
हमारे पूर्वज कम शब्दो मे कहावत के जरिये बड़ी बड़ी बात को आसानीसे समजा देते थे. उस जमानेमे बोली और कहावत , भाषा का अभिन्न अंग था. उनका मानना था …
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हमारे पूर्वज कम शब्दो मे कहावत के जरिये बड़ी बड़ी बात को आसानीसे समजा देते थे. उस जमानेमे बोली और कहावत , भाषा का अभिन्न अंग था. उनका मानना था …
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